जाने क्या अंतर होता है Inverter Vs Solar Inverter!

Inverter Vs Solar Inverter

आज की इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं इन्वर्टर के बारें में की इन्वर्टर कैसे काम करता है और Normal Inverter और Solar Inverter में क्या अंतर है और हमें अपने घर में कौनसा इन्वर्टर लगाना चाहिए।

नॉर्मल/सोलर/ इन्वर्टर कैसे काम करते है.

हमारा जो नॉर्मल इनवर्टर होता है यह कुछ ऐसे काम करते हैं कि हमारे घर में जो मेन सप्लाई आती है उससे यह बैटरीयों को चार्ज करता है और जब मेन सप्लाई ऑफ हो जाती है तब बैटरीयों से DC सप्लाई लेकर यह इन्वर्टर हमारे घर के उपकरणों को चलता है एक नॉर्मल इनवर्टर के ऊपर हम सिर्फ बैटरी लगा सकते हैं और इन बैटरी को चार्ज करने के लिए हम अपने घर की मेन सप्लाई का ही यूज कर सकते हैं।

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या फिर यदि आप इसे सोलर में बदलना चाहते हैं तो आप इसके ऊपर सोलर चार्ज कंट्रोलर लगाकर सोलर पैनल भी लगा सकते हैं. जिसके बाद में यह सोलर इनवर्टर में बदल जाएगा हम इससे सिर्फ बैटरी बैकअप ले सकते हैं

और उन बैटरी को चार्ज कर सकते हैं इसका इतना ही काम है लेकिन हमारा जो सोलर इनवर्टर होता है इसमें हमें बैटरीयों को चार्ज करने के दो रास्ते मिल जाते हैं एक तो हम इससे मेन सप्लाई से अपनी बैटरी को चार्ज कर सकते हैं

और दूसरा हमारे घर में यदि हम सोलर सिस्टम लगवाना चाहते हैं तो सोलर पैनल के वायर डायरेक्टर इसके अंदर लग जाते हैं और सोलर पैनल की कैपेसिटी इनवर्टर के ऊपर डिपेंड करती है कि 1 इन्वर्टर कितने सोलर पैनल को सपोर्ट करता है तो उतने ही पैनल हम इनवर्टर के ऊपर लगा सकते हैं.

Normal Inverter Vs Solar Inverter में अंतर

कस्टमाइज : नॉर्मल इनवर्टर को हम अपने हिसाब से कस्टमाइज कर सकते हैं यानी कि इसके ऊपर हम सोलर चार्ज कंट्रोलर लगाकर इसे सोलर में बदल सकते हैं

खराब कंडीशन

मान लीजिए हमारे नॉर्मल इनवर्टर की या फिर सोलर इनवर्टर की यदि बैटरी या फिर इनवर्टर इनमें से कोई भी चीज खराब हो जाती है तो हम कोई दूसरा इनवर्टर या फिर बैटरी उसके ऊपर लगा कर अपने घर के लोड को चला सकते हैं

बैटरी बैकअप

बैटरी बैकअप के बारे में अभी हम बात करें तो हमारे जो नॉर्मल इनवर्टर और सोलर इनवर्टर के ऊपर हमारी लेड एसिड बैटरी लगती है इनका बैटरी बैकअप जो है वह काफी कम होता है मान लीजिए एक 150Ah की बैटरी चार्ज होने में 2 यूनिट बिजली लेती है।

तो उससे हम वापस एक यूनिट के करीब ही निकाल पाएंगे क्योंकि उसकी जो एफिशिएंसी है वह करीब 50 से 60 परसेंट ही होती हैं जबकि हमारी लिथियम बैटरी की एफिशिएंसी करीब 95 से 97% होती है और इससे हम बैटरी बैकअप पूरा ले सकते हैं।

प्राइस

प्राइस की यदि बात करें कि इन दोनों इन्वर्टर में से सबसे सस्ता इनवर्टर कौन सा है तो इनवर्टर आपके ऊपर डिपेंड करता है। नार्मल इन्वर्टर आपको कम से कम 5000 में मिल जाएगा वहीं यदि आप सोलर इन्वर्टर लेंगें तो आपको वह करीब 12000 रूपये करीब पड़ेगा।

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